
डॉ भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना– क्या आप भी एक पशु पालक या डेयरी व्यवसाय चलाते है। और आप अपने पशु पालन को और आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो यह कामधेनु योजना आपके लिए ही है।
डॉ भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना हर उस पशु पालक के लिए है, जो आर्थिक रूप से कमजोर है जिस वजह से वह अपने पशु पालन को आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं।
यदि आप भी डॉ भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना का लाभ लेना चाहते हैं। तो अभी इसके लिए आवेदन करें। लेकिन उससे पहले हम जानते हैं कि यह कामधेनु योजना क्या है?, और इसका लाभ कैसे लेना है?, आवेदन कैसे करना है।
डॉ भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना क्या है?
डॉ भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना सरकार द्वारा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए चलाई गई एक बहुत बेहतरीन योजना है। जिसे राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत शुरू किया गया है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारतीय नस्ल की गायों को बढ़ावा देना एव डेयरी व्यवसाय को आगे बढ़ना ओर पशु पालको की आय को दुगना करना है
इस योजना में सरकार प्रत्येक डेरी यूनिट खोलने के लिए पशुपालकों को 36 से 46 लाख तक की सहायता राशि कि प्रदान कर रही है । यह राशि सब्सिडी ,बैक लोन और परीक्षण के रूप में होती है
कामधेनु योजना में सरकार द्वारा कितनी सहायता राशि मिलती है?
कामधेनु योजना में सरकार पशुपालक को 36-43 लाख कि सहायता राशि देती है। जो बैंक लोन ,सरकारी सब्सिडी और अनुदान एवं तकनीकी सहायता के रूप में मिलती है।
कामधेनु योजना में पशुपालक को डेरी फार्म खोलने के लिए बैंक द्वारा ऋण मिलता है। जिसका अधिकत्म हिस्सा बैंक के द्वारा कवर किया जाता है।
इस योजना के अन्तर्गत आपको केंद्र सरकार और राज्य सरकार से 25% से 33% तक की सब्सिडी भी मिलती है जिसमें SC/ST वर्ग के लिए यह सब्सिडी 33% तक होती है
साथ ही पशु पालक को फार्म बनाने ,पशु खरीदने ,चारा भंडारण करने एवं मशीन खरीदने आदि जैसी चीजों के लिए भी सरकार द्वारा अनुदान और एवं प्रतिक्षण दिया जाता है।
कामधेनु योजना में मिलने वाले लाभ
डॉ भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना मैं आपको बहुत से लाभ मिलते हैं जिन्हें हमने यहां एक एक कर बताया है
- सरकार द्वारा 36 से 47 लाख तक की सहायता राशि
- दूध उत्पादन, प्रसंस्करण , विपणन आदि में सहायक
- पशुओं के देखभाल एवं खान-पान के बारे में लिए प्रशिक्षण
- उच्च गुणवत्ता वाली गाय एवं भैंसों की खरीदने में सहायता
- पशु फार्म एवं डेरी फार्म के लिए उपकरण खरीदने में सब्सिडी की सहायता
कामधेनु योजना का लाभ किन लोगों को मिल सकता है?
यह योजना का लाभ कोई भी भारत का रहने वाला नागरिक ले सकता है। जिसके लिए उसे निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होगी।
- पशुपालक की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आपके पास डेरी फार्म के लिए जमीन या किराए की जमीन होना आवश्यक है।
- आपको पशुपालन एवं डेयरी से जुड़ा अनुभव होना चाहिए। या आपको यह प्रशिक्षण प्राप्त करने को तैयार हो।
- SC/ST ,महिलाएं ,ग्रामीण और बेरोजगार युवाओं को दी जाती है
कामधेनु योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यकता दस्तावेज
डॉ भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना का लाभ लेने के लिए आपको कुछ आवश्यक दस्तावेजों कि आवश्यकता होगी।
जैसे – आधार कार्ड ,पहचान पत्र जैसे (वोटर आईडी, पैन कार्ड ,ड्राइविंग लाइसेंस ) ,पासपोर्ट साइज फोटो ,भूमि के कागजात या किराए का समझौता पत्र ,बैंक पासबुक एवं खाता विवरण , डेरी प्लान या प्रोजेक्ट रिपोर्ट ,जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) ,निवास प्रमाण पत्र ,प्रशिक्षण प्रमाण पत्र( यदि उपलब्ध हो)
आवेदन प्रक्रिया (How to Apply?)
कामधेनु योजना में आवेदन करने के लिए आप निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं:
🖥️ ऑनलाइन आवेदन:
- सबसे पहले https://dahd.nic.in या संबंधित राज्य पशुपालन विभाग की वेबसाइट पर जाएं।
- ‘कामधेनु योजना’ के आवेदन फॉर्म को डाउनलोड या ऑनलाइन भरें।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और फार्म जमा करें।
- एक बार आवेदन स्वीकृत हो जाने पर आपको बैंक से संपर्क कर लोन प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
🏢 ऑफलाइन आवेदन:
- अपने ज़िले के पशुपालन विभाग या जनपद पंचायत कार्यालय से संपर्क करें।
- वहां से आवेदन फॉर्म लें और सभी दस्तावेज के साथ जमा करें।
- अधिकारी आपकी योजना की जाँच करेंगे और लोन व सब्सिडी की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
निष्कर्ष
डॉ भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना एक सुनहरा अवसर है उन किसानों के लिए जो अपने पशुपालन एवं डेयरी व्यवसाय को और आगे बढ़ना चाहते हैं।
यह ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं के लिए भी एक बहुत अच्छी योजना है। जिससे वह अपने गांव में रहकर भी एक अच्छी आमदनी कमा सकते हैं। और पशुपालन में अपना एक अच्छा करियर बना सकते हैं।